हम लोगों को समझ सको तो
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
जितना भी तुम समझोगे, होगी उतनी हैरानी
हम लोगों को समझ सको तो
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
अपनी छतरी तुमको दे दें, कभी जो बरसे पानी
कभी नए packet में बेचें, तुमको चीज़ पुरानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
थोड़े अनाड़ी हैं, थोड़े खिलाड़ी
रुक-रुक के चलती है अपनी गाड़ी
थोड़े अनाड़ी हैं, थोड़े खिलाड़ी
रुक-रुक के चलती है अपनी गाड़ी
हमें प्यार चाहिए, और कुछ पैसे भी
हम ऐसे भी हैं, हम हैं वैसे भी
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
उलटी-सीधी जैसी भी है, अपनी यही कहानी
थोड़ी हम में होशियारी है, थोड़ी है नादानी
थोड़ी हम में सच्चाई है, थोड़ी बेईमानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
जितना भी तुम समझोगे, होगी उतनी हैरानी
हम लोगों को समझ सको तो
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
अपनी छतरी तुमको दे दें, कभी जो बरसे पानी
कभी नए packet में बेचें, तुमको चीज़ पुरानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
थोड़े अनाड़ी हैं, थोड़े खिलाड़ी
रुक-रुक के चलती है अपनी गाड़ी
थोड़े अनाड़ी हैं, थोड़े खिलाड़ी
रुक-रुक के चलती है अपनी गाड़ी
हमें प्यार चाहिए, और कुछ पैसे भी
हम ऐसे भी हैं, हम हैं वैसे भी
हम लोगों को समझ सको तो समझो दिलबर-जानी
उलटी-सीधी जैसी भी है, अपनी यही कहानी
थोड़ी हम में होशियारी है, थोड़ी है नादानी
थोड़ी हम में सच्चाई है, थोड़ी बेईमानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी
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