प्राणप्रिय, हाँ
तुम किसन हो, मैं हूँ राधा, हाँ
तुम सूई हो, मैं हूँ धागा, अईं
फिर संगम क्यूँ हो आधा, आधा, आधा?
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, शादी कर ले, साँवरिया
फूटेंगी फिर फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, पर मैं आज़ाद हूँ चिड़िया
रख तू अपनी फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
चट मंगनी, कर पट मंगनी
मुझे पत्नी बना ले झट-पट अपनी
सुन, पगली, मैं हूँ छोरा जंगली
अरे, काहे को बनाना चाहे मेरी चटनी?
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, शादी कर ले, साँवरिया
फूटेंगी फिर फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया, नहीं, प्रिये
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, पर मैं आज़ाद हूँ चिड़िया
रख तू अपनी फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
सुन, सजना, कल आया सपना
मैंने सपने में देखा मंडप अपना
सब तारे थे बाराती, संग नाच रहे सूरज-चंदा
जाग जा रे, पगली तू
सपना नहीं है, ये है दुर्घटना, दुर्घटना
सूरज से मंडप जल जाएगा
मुझे नहीं पकना, नहीं पकना
तुम किसन हो, मैं हूँ राधा, हाँ
तुम सूई हो, मैं हूँ धागा, अईं
फिर संगम क्यूँ हो आधा, आधा, आधा?
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, शादी कर ले, साँवरिया
फूटेंगी फिर फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, पर मैं आज़ाद हूँ चिड़िया
रख तू अपनी फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
चट मंगनी, कर पट मंगनी
मुझे पत्नी बना ले झट-पट अपनी
सुन, पगली, मैं हूँ छोरा जंगली
अरे, काहे को बनाना चाहे मेरी चटनी?
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, शादी कर ले, साँवरिया
फूटेंगी फिर फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया, नहीं, प्रिये
मैं बढ़िया, तू भी बढ़िया, पर मैं आज़ाद हूँ चिड़िया
रख तू अपनी फुलझड़ियाँ, बढ़िया-बढ़िया
सुन, सजना, कल आया सपना
मैंने सपने में देखा मंडप अपना
सब तारे थे बाराती, संग नाच रहे सूरज-चंदा
जाग जा रे, पगली तू
सपना नहीं है, ये है दुर्घटना, दुर्घटना
सूरज से मंडप जल जाएगा
मुझे नहीं पकना, नहीं पकना
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