तो बोलो सिया पति रामचंद्र महाराज की जय
पवन सुत हनुमान की जय, जय हो
सुनो-सुनो राम कथा ये, हर लेगी सकल व्यथा ये
दशरथ के सुख की गाथा, पुरुषों में जो उत्तम था
सुनो, सुनो, सुनो वो अध्याय
जब पुरुषोत्तम श्री राम ने लंका पे कर के चढ़ाई
रावण को धूल चटाई और सीता भी वापस आई
सुनो, सुनो, सुनो सुनाऊँ
कलयुग में सतयुग दरसाऊँ
शुभ, शुभ, शुभ संदेश सुनाऊँ
राम-सिया के गुण मैं गाऊँ
सुनो-सुनो राम कथा ये, हर लेगी सकल व्यथा ये
दशरथ के सुख की गाथा, पुरुषों में जो उत्तम था
पुरुषोत्तम राम जगत के, पवन पुत्र राम भक्त थे
लक्ष्मण थे ढाल से भारी, लंका पे हुई चढ़ाई
फिर राम जी ने अपनी अर्धांगिनी माता सीता को पाया
पुरुषोत्तम राम जगत के, पवन पुत्र राम भक्त थे
लक्ष्मण थे ढाल से भारी, लंका पे हुई चढ़ाई
तो बोलो सिया पति रामचंद्र महाराज की जय
पवन सुत हनुमान की जय, जय हो
सुनो-सुनो राम कथा ये, हर लेगी सकल व्यथा ये
दशरथ के सुख की गाथा, पुरुषों में जो उत्तम था
सुनो, सुनो, सुनो वो अध्याय
जब पुरुषोत्तम श्री राम ने लंका पे कर के चढ़ाई
रावण को धूल चटाई और सीता भी वापस आई
सुनो, सुनो, सुनो सुनाऊँ
कलयुग में सतयुग दरसाऊँ
शुभ, शुभ, शुभ संदेश सुनाऊँ
राम-सिया के गुण मैं गाऊँ
सुनो-सुनो राम कथा ये, हर लेगी सकल व्यथा ये
दशरथ के सुख की गाथा, पुरुषों में जो उत्तम था
पुरुषोत्तम राम जगत के, पवन पुत्र राम भक्त थे
लक्ष्मण थे ढाल से भारी, लंका पे हुई चढ़ाई
फिर राम जी ने अपनी अर्धांगिनी माता सीता को पाया
पुरुषोत्तम राम जगत के, पवन पुत्र राम भक्त थे
लक्ष्मण थे ढाल से भारी, लंका पे हुई चढ़ाई
तो बोलो सिया पति रामचंद्र महाराज की जय
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