
Khud Se Osho Jain
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कोई भी ना मिलता है मुझसे
कोई भी ना मिलता है मुझसे
सब ही ख़फ़ा हैं क्या मुझसे?
देख कर भी नहीं देखते हैं
देख कर भी नहीं देखते हैं
उनसे पूछो ख़फ़ा हैं क्या मुझसे
ना गिला है कोई 'गर ख़फ़ा हैं वो
ना गिला है कोई 'गर ख़फ़ा हैं वो
शायद मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
हाँ, मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
शायद मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
हाँ, मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
मैंने नदियों, पहाड़ों से पूछा
उन लोगों को कैसे मनाऊँ?
जो उखड़े-उखड़े हैं थोड़े
उनको वापस मैं कैसे बुलाऊँ?
मुझको नदियों, पहाड़ों ने बोला
कोई भी ख़फ़ा ना है तुझसे
मुझको नदियों, पहाड़ों ने बोला
कोई भी ख़फ़ा ना है तुझसे
तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
हाँ, तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
हाँ, तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
कोई भी ना मिलता है मुझसे
सब ही ख़फ़ा हैं क्या मुझसे?
देख कर भी नहीं देखते हैं
देख कर भी नहीं देखते हैं
उनसे पूछो ख़फ़ा हैं क्या मुझसे
ना गिला है कोई 'गर ख़फ़ा हैं वो
ना गिला है कोई 'गर ख़फ़ा हैं वो
शायद मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
हाँ, मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
शायद मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
हाँ, मैं भी ख़फ़ा ही हूँ खुद से
मैंने नदियों, पहाड़ों से पूछा
उन लोगों को कैसे मनाऊँ?
जो उखड़े-उखड़े हैं थोड़े
उनको वापस मैं कैसे बुलाऊँ?
मुझको नदियों, पहाड़ों ने बोला
कोई भी ख़फ़ा ना है तुझसे
मुझको नदियों, पहाड़ों ने बोला
कोई भी ख़फ़ा ना है तुझसे
तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
हाँ, तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
हाँ, तू ही ख़फ़ा है बस खुद से
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