[Naezy "ISLAH" के बोल]
[Intro]
Naezy the baa, boy
इसी तरह, ISLAH (What up?)
बंबई ७० (हाँ)
Woah, woah, woah, check
[Chorus]
माहिर बनना, काबिल बनना, हार नहीं मानना
फ़तेह करना, हासिल करना, क़ाबू पाना
डट कर लड़ना, आगे बढ़ना, ध्यान लगाना
आख़िर तक ना पीछे हटना, विश्वास रखना
माहिर बनना, काबिल बनना, हार नहीं मानना
फ़तेह करना, हासिल करना, क़ाबू पाना
डट कर लड़ना, आगे बढ़ना, ध्यान लगाना
आख़िर तक ना पीछे हटना, विश्वास रखना
[Verse 1]
क्या है सवाब, क्या है गुनाह?
क्या है कथा, क्या है ख़ता?
क्या है बुरा? क्या है अच्छा? तुझे पता, मुझे पता
गहरा दर्द था सहना पड़ता, रहना पड़ता, दायरा अलग था
ज़िंदगी के राज़, ज़िंदगी की दास्ताँ है
तिश्नगी है ख़ास, बंदगी ही रास्ता है
हसद से, नफ़रत से, जलन से, कपट से, घमंड से, बुरे मन से रखना फ़ासला है (फ़ासला है)
अंदरूनी कैफ़ियत है, नामालूम हसियत है, ख़ैरियत है, शैरियत है
उसकी असली है नियत, जो है असली warrior
जज़्बे जिसके हैं real, बीता कल नहीं obstacle
जीले, खुद को माफ़ भी कर, दिल से खुद को साफ़ भी कर
हक़ का जीले, रख जिगर, रब का भी रह, रख सबर
शैतान से डट कर लड़, हर एक कदम खुद से बढ़
पर्वतों-सा रह अटल, अनुशासन ग़म्भीरता असल
तपस्या शुरू कर दे, चल
[Intro]
Naezy the baa, boy
इसी तरह, ISLAH (What up?)
बंबई ७० (हाँ)
Woah, woah, woah, check
[Chorus]
माहिर बनना, काबिल बनना, हार नहीं मानना
फ़तेह करना, हासिल करना, क़ाबू पाना
डट कर लड़ना, आगे बढ़ना, ध्यान लगाना
आख़िर तक ना पीछे हटना, विश्वास रखना
माहिर बनना, काबिल बनना, हार नहीं मानना
फ़तेह करना, हासिल करना, क़ाबू पाना
डट कर लड़ना, आगे बढ़ना, ध्यान लगाना
आख़िर तक ना पीछे हटना, विश्वास रखना
[Verse 1]
क्या है सवाब, क्या है गुनाह?
क्या है कथा, क्या है ख़ता?
क्या है बुरा? क्या है अच्छा? तुझे पता, मुझे पता
गहरा दर्द था सहना पड़ता, रहना पड़ता, दायरा अलग था
ज़िंदगी के राज़, ज़िंदगी की दास्ताँ है
तिश्नगी है ख़ास, बंदगी ही रास्ता है
हसद से, नफ़रत से, जलन से, कपट से, घमंड से, बुरे मन से रखना फ़ासला है (फ़ासला है)
अंदरूनी कैफ़ियत है, नामालूम हसियत है, ख़ैरियत है, शैरियत है
उसकी असली है नियत, जो है असली warrior
जज़्बे जिसके हैं real, बीता कल नहीं obstacle
जीले, खुद को माफ़ भी कर, दिल से खुद को साफ़ भी कर
हक़ का जीले, रख जिगर, रब का भी रह, रख सबर
शैतान से डट कर लड़, हर एक कदम खुद से बढ़
पर्वतों-सा रह अटल, अनुशासन ग़म्भीरता असल
तपस्या शुरू कर दे, चल
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