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Rut Aaye Rut Jaye - Lata Mangeshkar
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Rut Aaye Rut Jaye Lata Mangeshkar

Rut Aaye Rut Jaye - Lata Mangeshkar
रुत आए, रुत जाए, रुत आए, रुत जाए
दुनिया रंग बदलती है
दुनिया रंग बदलती है, तक़दीर ना बदली जाए
रुत आए, रुत जाए, रुत आए, रुत जाए

बहार आई, बहार आई
चमन की हर कली खिल-खिल के मुस्काई
बहार आई चमन की हर कली खिल-खिल के मुस्काई
नयी डालें करें अटखे निराले लेके अँगड़ाई
मगर मेरे नसीबों की कली रहती है मुरझाई
इसको कौन खिलाए?

रुत आए, रुत जाए
रुत आए, रुत जाए

बरखा की रुत आई झूम के, रिमझिम-रिमझिम बरसे
बरखा की रुत आई झूम के, रिमझिम-रिमझिम बरसे
झिरमिर-झिरमिर पड़ी फुहारें, मेघ भरे अंबर से
रिमझिम-रिमझिम बरसे
मगर प्यासे नयन मेरे रहे सावन में भी तरसे
इस प्यास को कौन बुझाए?

रुत आए, रुत जाए
रुत आए, रुत जाए
जग-मग, जग-मग आई दिवाली, घर-घर हुआ उजाला रे
जग-मग, जग-मग आई दिवाली
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