कहने के लिए कुछ नहीं है
मैं अभी-अभी अंधेरे से दूर हुआ हूँ
अब बहस करने की कोई वजह नहीं बची
मैं बस मुस्कुराया
और चुपके से अपनी आँखें बंद की
मेरी मदद करो, भगवान
अगर तुम मेरे भीतर हो
तो कभी मुझसे दूर
मत जाना
पर दरअसल मैं ही हमेशा छोड़ जाता हूँ तुम्हें
जब तुम मेरे पास होते हो
मैं घर आ गया हूँ, ओ खिली-खिली धूप
तुम्हारा स्वागत है, संध्या की लालिमा
आख़िरकार हम यहाँ हैं एक साथ एक दूसरे के इर्द-गिर्द घूमते हुए
मुझे बहुत ख़ुशी हुई तुमसे मिलकर
अब मैं आज़ाद हुआ हूँ
अब मेरे आँसू चमकने लगे हैं
आज यहाँ हूँ, कल न जाने कहाँ हूँगा
ये दुनिया पल-पल बदलती रहती है
चाहे जो हो जाए
यह पूरी सृष्टि
Grace grace grace grace
Grace grace grace grace
मैं अभी-अभी अंधेरे से दूर हुआ हूँ
अब बहस करने की कोई वजह नहीं बची
मैं बस मुस्कुराया
और चुपके से अपनी आँखें बंद की
मेरी मदद करो, भगवान
अगर तुम मेरे भीतर हो
तो कभी मुझसे दूर
मत जाना
पर दरअसल मैं ही हमेशा छोड़ जाता हूँ तुम्हें
जब तुम मेरे पास होते हो
मैं घर आ गया हूँ, ओ खिली-खिली धूप
तुम्हारा स्वागत है, संध्या की लालिमा
आख़िरकार हम यहाँ हैं एक साथ एक दूसरे के इर्द-गिर्द घूमते हुए
मुझे बहुत ख़ुशी हुई तुमसे मिलकर
अब मैं आज़ाद हुआ हूँ
अब मेरे आँसू चमकने लगे हैं
आज यहाँ हूँ, कल न जाने कहाँ हूँगा
ये दुनिया पल-पल बदलती रहती है
चाहे जो हो जाए
यह पूरी सृष्टि
Grace grace grace grace
Grace grace grace grace
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