[Rahgir "Mere Gaon Aaoge" के बोल]
[Pre-Chorus]
तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे
तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे
मेरी याद आएगी उस मक़ाम पे कभी
[Chorus]
तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे
तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे
मैं मिलूँगा ही नहीं उस मकान पे कभी
तुम पकड़ के गाड़ी शायद...
[Spoken Word]
सूरत station के बाहर ठंडी bench थी, चाय गरम थी
बगल में एक ताऊ के हाथ में बीड़ी थी जो लगभग ख़तम थी
मैंने बस दो-चार चुस्कियाँ ली थी कि उतने में ताऊ ने दूसरी सुलगा ली थी
पहली को फ़ेंका ज़मीन पर और जूती से कुचल दिया
मुझे जाने क्यूँ तेरी याद आई, मैं उठा और चल दिया
[Verse 1]
शामों का काम तो ढलना है, ढलेंगी तब भी
हवाओं का काम तो चलना है, चलेंगी तब भी
ज़ुल्फ़ों की तो ये फ़ितरत है, उड़ेंगी तब भी
कोई और सँवारेगा तो भी मेरी याद आएगी
[Pre-Chorus]
तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे
तुम मुड़ तो पाओगे, पर लौट ना पाओगे
मेरी याद आएगी उस मक़ाम पे कभी
[Chorus]
तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे
तुम पकड़ के गाड़ी शायद मेरे गाँव आओगे
मैं मिलूँगा ही नहीं उस मकान पे कभी
तुम पकड़ के गाड़ी शायद...
[Spoken Word]
सूरत station के बाहर ठंडी bench थी, चाय गरम थी
बगल में एक ताऊ के हाथ में बीड़ी थी जो लगभग ख़तम थी
मैंने बस दो-चार चुस्कियाँ ली थी कि उतने में ताऊ ने दूसरी सुलगा ली थी
पहली को फ़ेंका ज़मीन पर और जूती से कुचल दिया
मुझे जाने क्यूँ तेरी याद आई, मैं उठा और चल दिया
[Verse 1]
शामों का काम तो ढलना है, ढलेंगी तब भी
हवाओं का काम तो चलना है, चलेंगी तब भी
ज़ुल्फ़ों की तो ये फ़ितरत है, उड़ेंगी तब भी
कोई और सँवारेगा तो भी मेरी याद आएगी
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