0
Jab Se Ankhen Ho Gai Tumse Char - Mohammed Rafi
0 0

Jab Se Ankhen Ho Gai Tumse Char Mohammed Rafi

On this page, discover the full lyrics of the song "Jab Se Ankhen Ho Gai Tumse Char" by Mohammed Rafi. Lyrxo.com offers the most comprehensive and accurate lyrics, helping you connect with the music you love on a deeper level. Ideal for dedicated fans and anyone who appreciates quality music.
Jab Se Ankhen Ho Gai Tumse Char - Mohammed Rafi
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर
क़दम-क़दम पर मचल रहा है प्यार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

जब-जब देखूँ रूप तुम्हारा, याद वतन की आए
जब-जब देखूँ रूप तुम्हारा, याद वतन की आए
जैसे मीरा इकतारे पे गीत श्याम के गाए
जैसे मीरा इकतारे पे गीत श्याम के गाए

अमर प्यार के छेड़े तुम ने तार इस धरती पर
अमर प्यार के छेड़े तुम ने तार इस धरती पर
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

लहरा कर तुम इन बाँहों में आ जाती हो ऐसे
लहरा कर तुम इन बाँहों में आ जाती हो ऐसे
बहती-बहती नदिया सागर से मिल जाए जैसे
बहती-बहती नदिया सागर से मिल जाए जैसे

कहाँ से आई ये गंगा की धार इस धरती पर?
कहाँ से आई ये गंगा की धार इस धरती पर?
जब से आँखें हो गईं तुम से चार इस धरती पर

झुकी-झुकी ये लंबी पलकें, ये ज़ुल्फ़ों की छाँव
झुकी-झुकी ये लंबी पलकें, ये ज़ुल्फ़ों की छाँव
बसा हुआ है इस छाँव में रंग-रूप का गाँव
बसा हुआ है इस छाँव में रंग-रूप का गाँव
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?