
Aye Khuda Ret Ke Sehra Ko Samandar Karde Jagjit Singh
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ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
तुझ को देखा नहीं, महसूस किया है मैंने
तुझ को देखा नहीं, महसूस किया है मैंने
आ, किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है, लेकिन
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है, लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
तुझ को देखा नहीं, महसूस किया है मैंने
तुझ को देखा नहीं, महसूस किया है मैंने
आ, किसी दिन मेरे एहसास को पैकर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है, लेकिन
और कुछ भी मुझे दरकार नहीं है, लेकिन
मेरी चादर मेरे पैरों के बराबर कर दे
या छलकती हुईं आँखों को भी पत्थर कर दे
ऐ ख़ुदा, रेत के सहरा को समंदर कर दे
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