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Chal Ve Watna - Javed Ali
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Chal Ve Watna Javed Ali

Chal Ve Watna - Javed Ali
मिट्टी कहती, "रुक जा, ना जा, दीवाने"
क़िस्मत लेकिन कब सुनती है बहाने

ਚੱਲ ਵੇ, ਵਤਨਾਂ, ਫ਼ੇਰ ਮਿਲਾਂਗੇ
ਬੈਠ ਕੇ ਲੰਬੀ ਬਾਤ ਕਰਾਂਗੇ
ਚੱਲ ਵੇ, ਵਤਨਾਂ, ਫ਼ੇਰ ਮਿਲਾਂਗੇ
ਬੈਠ ਕੇ ਲੰਬੀ ਬਾਤ ਕਰਾਂਗੇ

तेरी सौंधियों सी मिट्टियों को मैं साथ लेके चला
तेरी कही छोटी-बड़ी हर बात लेके चला
तेरे बादलों को काट के है रूमाल सिर पे रखा
तेरी याद की नर्मी से, यारा, है रूह को भी ढका

ਸੁਨ ਵੇ, ਵਤਨਾਂ, ਦਿਲ ਯੇ ਗਿਰਵੀ
ਕੋਲ ਤੇਰੇ ਛੋੜ ਚਲਾਂਗੇ
ਚੱਲ ਵੇ, ਵਤਨਾਂ, ਫ਼ੇਰ ਮਿਲਾਂਗੇ
ਬੈਠ ਕੇ ਲੰਬੀ ਬਾਤ ਕਰਾਂਗੇ

पंछी मुड़ के ना देखें घर वो पुराने
आँख भर आएँ तो पंख फिर उड़ना ना जानें
बस्ते में तेरी यादें, मिट्टी सिरहाने
इतनी ही दौलत लेके निकले दीवाने

जब आएँगे हम लौट कर अपने मोहल्ले यहाँ
हर मोड़ पे हर गली भी पूछेगी, "तुम थे अब तक कहाँ?"
सब खोल के हम झोलियाँ बरसों से जोड़ी हुईं
खोजेंगे जो चिट्ठी तेरी रखी थी मोड़ी हुई
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