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Parichay - Amit Bhadana & Ikka
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Parichay - Amit Bhadana & Ikka
[Intro: Amit Bhadana]
ज्वाला जगा अंदर, किस बात से है तंग?
दुनिया से नहीं, खुद से है तेरी जंग
(Byg Byrd on the beat)
(Byg Byrd on the beat)

[Verse 1: Ikka]
बीमार हो गया था, लगा मौत थी क़रीब
वो दौर था कुछ ऐसा, वो वक्त था अजीब
जब ये लगा था लगने कि खोटा है नसीब
तब मिला YouTube और खुद में believe
Middle class family, पर सोच रखी high
आज भी है याद चाचा की सुताई
पिताजी का गुस्सा, उसके पीछे की दुआएँ
आज भी हो तक़लीफ़ तो माँ ही याद आए
हाँ, मुझसे पूछो किसे कहते है रोना
हाँ, मुझसे पूछो क्या होता है खोना
९९वे में खो दिया पिताजी को मैंने
मुझसे पूछो होता क्या है पिताजी का होना
मेरे चाचा जी और दादी भगवान के दो रूप
छाँव में रखा, ना लगने दी है धूप
पाल के बड़ा किया, पढ़ा दिया नसीब है
नसीब वाले होते जो अपनो के क़रीब है

[Chorus: Ikka]
जो थी पहले नफ़रतें
जो थी पहले गालियाँ
आज वो हैं तारीफ़ें
आज वही तालियाँ
मैंने की है मेहनत
जो देखा मैंने पा लिया
YouTube के through नया
परिवार है बना लिया
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