यदि हम अपनी पीठ एक साथ झुकाते हैं
हम पंखों की एक जोड़ी बन जाते हैं
लेकिन अब हमारे पास
उड़ान भरने की जगह नहीं
अगर हम कोमल रह सकते हैं
बिना किसी के आंसू बहाए
क्या हम नायक बन सकते हैं, बिना किसी और को खलनायक बनाए
भले ही जादूगर लड़की
ने अपनी छड़ी दूर फेंक दी
पर जिस जोशी से उसने पकड़ बनाई थी, वो अभी भी मौजूद है
हम इस दुनिया में पैदा हुए हैं
जहां किसी चीज का बोझ सही नहीं
क्योंकि यहां अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है
तुम और मैं एक कमजोर-गाँठ की तरह हैं
धीरे से एक साथ बंधे
फिर चाहे ही किसी दिन अलग हो गये
आकाश जगह नहीं है
पंख फड़फड़ाने की
हम पंखों की एक जोड़ी बन जाते हैं
लेकिन अब हमारे पास
उड़ान भरने की जगह नहीं
अगर हम कोमल रह सकते हैं
बिना किसी के आंसू बहाए
क्या हम नायक बन सकते हैं, बिना किसी और को खलनायक बनाए
भले ही जादूगर लड़की
ने अपनी छड़ी दूर फेंक दी
पर जिस जोशी से उसने पकड़ बनाई थी, वो अभी भी मौजूद है
हम इस दुनिया में पैदा हुए हैं
जहां किसी चीज का बोझ सही नहीं
क्योंकि यहां अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है
तुम और मैं एक कमजोर-गाँठ की तरह हैं
धीरे से एक साथ बंधे
फिर चाहे ही किसी दिन अलग हो गये
आकाश जगह नहीं है
पंख फड़फड़ाने की
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