0
Inn Lamhon Ke Daaman Mein - A.R. Rahman, Madhushree & Sonu Nigam
0 0

Inn Lamhon Ke Daaman Mein A.R. Rahman, Madhushree & Sonu Nigam

Inn Lamhon Ke Daaman Mein - A.R. Rahman, Madhushree & Sonu Nigam
[Chorus]
इन लम्हों के दामन में पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का दोहराते फ़रिश्ते हैं
ख़ामोश सी है ज़मीं, हैरान सा फ़लक है
एक नूर ही नूर सा अब आसमाँ तलक है

[Post-Chorus]
नग़्मे ही नग्मे हैं जागती-सोती फ़िज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में, इश्क़ है जैसे हवाओं में
ओ, नग़्मे ही नग़्मे हैं जागती-सोती फ़िज़ाओं में
हुस्न है सारी अदाओं में, इश्क़ है जैसे हवाओं में

[Verse 1]
कैसा ये इश्क़ है? कैसा ये ख़ाब है?
कैसे जज़्बात का उमड़ा सैलाब है?
कैसा ये इश्क़ है? कैसा ये ख़ाब है?
कैसे जज़्बात का उमड़ा सैलाब है?
दिन बदले, रातें बदली, बातें बदली
जीने के अंदाज़ ही बदले हैं

[Chorus]
इन लम्हों के दामन में पाकीज़ा से रिश्ते हैं
कोई कलमा मोहब्बत का दोहराते फ़रिश्ते हैं

[Verse 2]
समय ने ये क्या किया, बदल दी है काया
तुम्हें मैंने पा लिया, मुझे तुम ने पाया
मिले देखो ऐसे हैं हम कि दो सुर हों जैसे मद्धम
कोई ज़्यादा, ना कोई कम किसी राग में
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?