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Khairiyat - Sakshi Holkar
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Khairiyat Sakshi Holkar

Khairiyat - Sakshi Holkar
[Intro]
ऐ दो जहाँ के मालिक सुन ले मेरी गुज़ारिश
ऐ दो जहाँ के मालिक सुन ले मेरी गुज़ारिश
मेरे जिगर के टुकड़े के वास्ते ये ख़्वाहिश
वो जहाँ भी, जिस जगह हो, तेरा हाथ सर पे रखना
हर दम, हर घड़ी, हाँ, तू फ़िक्र उसकी करना

[Chorus]
उसे ख़ैरियत से रखना, उसे ख़ैरियत से रखना
उसे ख़ैरियत से रखना, बस ख़ैरियत से रखना

[Instrumental-break]

[Verse]
कभी तेज़ धुप उसका बदन जला ना पाए
कभी तेज़ धुप उसका बदन जला ना पाए
कभी बारिशें उसको बीमार कर ना पाए
खुली हाफ तन पे उसके, तेरे हाथों से तू ढकना
उसको लगे ना ठोकर, इतना तू करम करना

[Chorus]
उसे ख़ैरियत से रखना, उसे ख़ैरियत से रखना
उसे ख़ैरियत से रखना, बस ख़ैरियत से रखना
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