किस दिन में था, मैं चल दिया
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
ये क्या किया मैं खो गया
ना जाने कहां बेहकी हवाओं की तरह
धीरे धीरे मैं पिछले दरवाजे से, लफ़्ज़ों को लिख आया
काग़ज़ पे साढ़े से, वो थी बेखबर
मैं तो मगर दूर चला आया
दूर चला आया
दूर
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
रोका उसके गेहरे बिखरे से बालों ने
उलझे सवालों ने रोका था, याद आके
कुछ गुज़रे सालों ने
होटों पे लिए खामोशियां
दूर चला आया
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
दूर चला आया
दूर चला आया
दूर चला आया
दूर चला आया
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
ये क्या किया मैं खो गया
ना जाने कहां बेहकी हवाओं की तरह
धीरे धीरे मैं पिछले दरवाजे से, लफ़्ज़ों को लिख आया
काग़ज़ पे साढ़े से, वो थी बेखबर
मैं तो मगर दूर चला आया
दूर चला आया
दूर
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
रोका उसके गेहरे बिखरे से बालों ने
उलझे सवालों ने रोका था, याद आके
कुछ गुज़रे सालों ने
होटों पे लिए खामोशियां
दूर चला आया
किस दिन में था, मैं चल दिया
छुने आसमां बेहकी हवाओं की तरह
दूर चला आया
दूर चला आया
दूर चला आया
दूर चला आया
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