0
Gul - Anuv Jain
0 0

Gul Anuv Jain

Gul - Anuv Jain
[Anuv Jain "Gul" के बोल]

[Verse 1]
ना दस्तकें
यह तेरे दिल की, हाँ, वही धड़कनें हैं
यूँ ज़ोर से जो तुझको अब सुन रही हैं
सुन ले ज़रा यह तुझसे क्या कह रही हैं
आए नहीं, जिनके थे वादे
वक्त उलझा हुआ है तेरे यहाँ पे
क्या वो कल थे यहाँ
या हफ़्तों पहले की यह है दास्ताँ?
आए ना तेरी याद उनको
आए ना तेरी याद उनको

[Verse 2]
टूटे मकाँ एक बार गिर कर वैसे बनते कहाँ हैं
जैसे थे तूने अपने दिल से बनाए
वो कारीगर यूँ हाथों से थे सजाए
आए ना तेरी याद उनको
आए ना तेरी याद उनको

[Pre-Chorus]
किताबों के घर दुनिया है तेरी
इन धूल-भरे पन्नों में तू क्या ढूँढती?

[Chorus]
और क्या हो गया, जो तुझे इस दफ़ा
ना मिली प्यारी-सी परियों की वो कहानी?
और तुम यूँ परेशाँ हो क्यों
है जादूगरी आज भी तेरे दिल में है बाक़ी
और इन काग़ज़ों में कहीं एक गुल है
जो ऐसे तेरा इंतज़ार कर रहा है
यह गुल है तेरी वो हँसी, कहाँ खो गई?
यह बता, खिलेगी कभी?
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?