[Chorus]
कैसे मुझे तुम मिल गई?
क़िस्मत पे आए ना यक़ीं
उतर आई झील में
जैसे चाँद उतरता है कभी
हौले-हौले, धीरे से
[Verse 1]
गुनगुनी धूप की तरह से तरन्नुम में तुम
छू के मुझे गुज़री हो यूँ
देखूँ तुम्हें या मैं सुनूँ?
तुम हो सुकूँ, तुम हो जुनूँ
क्यूँ पहले ना आई तुम?
[Chorus]
कैसे मुझे तुम मिल गई?
क़िस्मत पे आए ना यक़ीं
[Verse 2]
मैं तो ये सोचता था
कि आजकल ऊपर वाले को फ़ुर्सत नहीं
फिर भी तुम्हें बना के वो मेरी नज़र में चढ़ गया
हाँ, रुत्बे में वो और बढ़ गया
[Verse 3]
बदले रास्ते, झरने और नदी
बदली दीप की टिमटिम
छेड़े ज़िंदगी धुन कोई नई
बदली बरखा की रिमझिम
कैसे मुझे तुम मिल गई?
क़िस्मत पे आए ना यक़ीं
उतर आई झील में
जैसे चाँद उतरता है कभी
हौले-हौले, धीरे से
[Verse 1]
गुनगुनी धूप की तरह से तरन्नुम में तुम
छू के मुझे गुज़री हो यूँ
देखूँ तुम्हें या मैं सुनूँ?
तुम हो सुकूँ, तुम हो जुनूँ
क्यूँ पहले ना आई तुम?
[Chorus]
कैसे मुझे तुम मिल गई?
क़िस्मत पे आए ना यक़ीं
[Verse 2]
मैं तो ये सोचता था
कि आजकल ऊपर वाले को फ़ुर्सत नहीं
फिर भी तुम्हें बना के वो मेरी नज़र में चढ़ गया
हाँ, रुत्बे में वो और बढ़ गया
[Verse 3]
बदले रास्ते, झरने और नदी
बदली दीप की टिमटिम
छेड़े ज़िंदगी धुन कोई नई
बदली बरखा की रिमझिम
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