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Main Kya Hoon - KK & Pritam
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Main Kya Hoon KK & Pritam

Main Kya Hoon - KK & Pritam
ख़्वाबों की दहलीज़ें क़दमों को
अब मेरे है चूमती, हाँ-हाँ-हाँ
पहले था मैं पीछे, ये दुनिया
अब पीछे है घूमती, हाँ-हाँ-हाँ

मैं क्या हूँ, मैं क्या ये बतलाऊँ
मैं वो हूँ जो चाहूँ वो पाऊँ
मैं ख़ुद से ही वादे निभाऊँ
मैं वो हूँ जो चाहूँ वो पाऊँ
जो चाहूँ वो पाऊँ

अब सारी राहें खोले बाँहें
पीछे आए मेरे मंज़िलें
अब जाऊँ जहाँ लगे वहाँ
मेरे होने से हैं महफ़िलें

हो, अब सारी राहें खोले बाँहें
पीछे आए मेरे मंज़िलें
अब जाऊँ जहाँ लगे वहाँ
मेरे होने से हैं महफ़िलें

मैं जीने का अंदाज़ जानूँ
मैं ख़ुशियों का हर राज़ जानूँ

मैं जानूँ, जहाँ को बतलाऊँ
मैं वो हूँ जो चाहूँ वो पाऊँ
मैं ख़ुद से ही वादे निभाऊँ
मैं वो हूँ जो चाहूँ वो पाऊँ
जो चाहूँ वो पाऊँ
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