ढूंढे हर इक सांस में, डुबकियों के बाद में
हर भंवर के पास किनारे
बह रहे जो साथ में, जो हमारे खास थे
कर गये अपनी बात किनारे
'गर मांझी साथ में
गैर हो भी जाएँ
तो खुद ही तो पतवार बन
पार होंगे हम
जो छोटी सी हर इक नहर
सागर बन भी जाए
कोई तिनका लेके हाथ में
ढूंढ लेंगे हम किनारे
किनारे
किनारे
खुद ही तो है हम किनारे
कैसे होंगे कम
किनारे
हैं जहाँ है हम
किनारे
खुद ही तो है हम
हां खुद ही तो है हम
हर भंवर के पास किनारे
बह रहे जो साथ में, जो हमारे खास थे
कर गये अपनी बात किनारे
'गर मांझी साथ में
गैर हो भी जाएँ
तो खुद ही तो पतवार बन
पार होंगे हम
जो छोटी सी हर इक नहर
सागर बन भी जाए
कोई तिनका लेके हाथ में
ढूंढ लेंगे हम किनारे
किनारे
किनारे
खुद ही तो है हम किनारे
कैसे होंगे कम
किनारे
हैं जहाँ है हम
किनारे
खुद ही तो है हम
हां खुद ही तो है हम
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