0
Safar - Arijit Singh
0 0

Safar Arijit Singh

Safar - Arijit Singh
[Verse 1]
अब ना मुझको याद बीता
मैं तो लम्हों में जीता
चला जा रहा हूँ
मैं कहाँ पे जा रहा हूँ
कहाँ हूँ
इस यकीन से मैं यहाँ हूँ
की ज़माना ये भला है
और जो राह में मिला है
थोड़ी दूर जो चला है
वो भी आदमी भला था
पता था ज़रा बस ख़फा था
वो भटका सा राही
मेरे गाँव का ही
यो रस्ता पुराना
जिसे आना ज़रूरी था
लेकिन जो रोया
मेरे बिन
वो एक मेरा घर था
पुराना सा डर था
मगर अब ना मैं अपने घर का रहा

[Chorus]
सफ़र का ही था
मैं सफर का रहा
ओ ओ
इधर का ही हूँ ना
उधर का रहा
सफ़र का ही था
मैं सफर का रहा
इधर का ही हूँ ना
उधर का रहा
सफ़र का ही था
मैं सफर का रहा
मैं रहा मैं रहा
मैं रहा
मैं रहा
Comments (0)
The minimum comment length is 50 characters.
Information
There are no comments yet. You can be the first!
Login Register
Log into your account
And gain new opportunities
Forgot your password?