[Chorus]
बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया? उसे ढूँढो
बहती हवा सा था वो
उड़ती पतंग सा था वो
कहाँ गया? उसे ढूँढो
[Verse 1]
हमको तो राहें थी चलाती
वो ख़ुद अपनी राह बनाता
गिरता-सँभलता, मस्ती में चलता था वो
हमको कल की फ़िक्र सताती
वो बस आज का जश्न मनाता
हर लम्हे को खुल के जीता था वो
[Chorus]
कहाँ से आया था वो?
छू के हमारे दिल को
कहाँ गया? उसे ढूँढो
[Verse 2]
सुलगती धूप में छाँव के जैसा
रेगिस्तान में गाँव के जैसा
मन के घाव पे मरहम जैसा था वो
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