[Verse 1: Jubin Nautiyal]
तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म
फिर ज़माने का ग़म, क्या करें?
राह देखे नज़र रात भर जाग कर
पर तेरी तो ख़बर ना मिले
[Bridge: Jubin Nautiyal]
बहोत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के नहीं लाना, तुम ही आना
[Instrumental-Break]
[Verse 2: Jubin Nautiyal]
मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती हैं
यहाँ क्या धूप, क्या सावन, हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो, "क्या होता है बिना दिल के जिए जाना"
बहोत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
[Instrumental-Break]
[Verse 3: Jubin Nautiyal]
कोई तो राह वो होगी जो मेरे घर को आती है
करो पीछा सदाओं का, सुनो क्या कहना चाहती है
तुम आओगे मुझे मिलने, ख़बर ये भी तुम ही लाना
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
तेरे जाने का ग़म और ना आने का ग़म
फिर ज़माने का ग़म, क्या करें?
राह देखे नज़र रात भर जाग कर
पर तेरी तो ख़बर ना मिले
[Bridge: Jubin Nautiyal]
बहोत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
इरादे फिर से जाने के नहीं लाना, तुम ही आना
[Instrumental-Break]
[Verse 2: Jubin Nautiyal]
मेरी दहलीज़ से होकर बहारें जब गुज़रती हैं
यहाँ क्या धूप, क्या सावन, हवाएँ भी बरसती हैं
हमें पूछो, "क्या होता है बिना दिल के जिए जाना"
बहोत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
[Instrumental-Break]
[Verse 3: Jubin Nautiyal]
कोई तो राह वो होगी जो मेरे घर को आती है
करो पीछा सदाओं का, सुनो क्या कहना चाहती है
तुम आओगे मुझे मिलने, ख़बर ये भी तुम ही लाना
बहुत आई-गई यादें, मगर इस बार तुम ही आना
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