दिल की माँगें थोड़ी थी कम
हर दुआ भी थोड़ी मद्धम
तूने काँधे पे सर झुकाया जब
जैसे दरगाह पे बाँधे धागे तब
हो, बिना माँगे ही मिल गया है सब
मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ हुआ-हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
हो, फ़ुरसतों में यूँ अचानक
कैसे, क्यूँ और ये हुआ कब?
मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ हुआ-हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ-मेहरबाँ
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब
हाथों को तेरे अपने हाथों में ले लेता हूँ
कि तक़दीरें अपनी सारी पढ़ लूँ
आँखों में तेरे छुपते अरमाँ मैं ढूँढता हूँ
बस तू सोचे और पूरे मैं कर दूँ
हर दुआ भी थोड़ी मद्धम
तूने काँधे पे सर झुकाया जब
जैसे दरगाह पे बाँधे धागे तब
हो, बिना माँगे ही मिल गया है सब
मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ हुआ-हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
हो, फ़ुरसतों में यूँ अचानक
कैसे, क्यूँ और ये हुआ कब?
मेहरबाँ हुआ-हुआ, मेहरबाँ हुआ-हुआ
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ हुआ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ-मेहरबाँ
मेहरबाँ-मेहरबाँ, मेहरबाँ हुआ रब
हाथों को तेरे अपने हाथों में ले लेता हूँ
कि तक़दीरें अपनी सारी पढ़ लूँ
आँखों में तेरे छुपते अरमाँ मैं ढूँढता हूँ
बस तू सोचे और पूरे मैं कर दूँ
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