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Jab Tak Hai Jaan - The Poem - Shah Rukh Khan
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Jab Tak Hai Jaan - The Poem Shah Rukh Khan

Jab Tak Hai Jaan - The Poem - Shah Rukh Khan
तेरी आँखों की नमकीन मस्तियाँ
तेरी हंसी की बेपरवाह गुस्ताखिया
तेरी जुल्फों की लहराती अंगड़ाईयाँ
नहीं भूलूँगा मैं
जब तक है जान
जब तक है जान

तेरा हाथ से हाथ छोड़ना
तेरा सायो का रुख मोड़ना
तेरा पलट के फिर ना देखना
नहीं माफ़ करूँगा मैं
जब तक है जान
जब तक है जान

बारिशो में बेधड़क तेरे नाचने से
बात बात पर बेवजह तेरे रूठने से
छोटी छोटी तेरी बच्कनियो बदमाशियों से
मोहब्बत करूँगा मैं
जब तक है जान
जब तक है जान

तेरी झूठी कसमे वादों से
तेरे जलते सुलगते ख्वाबो से
तेरी बेरहम दुआओ से नफरत करूँगा मैं
जब तक है जान
जब तक है जान
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