
O’meri Laila Atif Aslam & Jyotica Tangri
На этой странице вы найдете полный текст песни "O’meri Laila" от Atif Aslam & Jyotica Tangri. Lyrxo предлагает вам самый полный и точный текст этой композиции без лишних отвлекающих факторов. Узнайте все куплеты и припев, чтобы лучше понять любимую песню и насладиться ею в полной мере. Идеально для фанатов и всех, кто ценит качественную музыку.

पत्ता अनारों का, पत्ता चनारों का जैसे हवाओं में
ऐसे भटकता हूँ, दिन-रात दिखता हूँ मैं तेरी राहों में
मेरे गुनाहों में, मेरे सवाबों में शामिल तू
भूली अठन्नी सी बचपन के कुर्ते में से मिल तू
रखूँ छुपा के मैं सब से, ओ, लैला
माँगूँ ज़माने से, रब से, ओ, लैला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
तेरी तलब थी, हाँ, तेरी तलब है
तू ही तो सब थी, हाँ, तू ही तो सब है
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
ओ, मेरी लैला, लैला, ख़्वाब तू है पहला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
ओ, मेरी लैला, लैला, ख़्वाब तू है पहला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
माँगी थीं दुआएँ जो
उनका ही असर है, हम साथ हैं
ना यहाँ दिखावा है
ना यहाँ दुनियावी जज़्बात हैं
यहाँ पे भी तू हूरों से ज़्यादा हसीं
यानी, दोनों जहानों में तुम सा नहीं
जीत ली हैं आख़िर में हम दोनों ने ये बाज़ियाँ
ऐसे भटकता हूँ, दिन-रात दिखता हूँ मैं तेरी राहों में
मेरे गुनाहों में, मेरे सवाबों में शामिल तू
भूली अठन्नी सी बचपन के कुर्ते में से मिल तू
रखूँ छुपा के मैं सब से, ओ, लैला
माँगूँ ज़माने से, रब से, ओ, लैला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
तेरी तलब थी, हाँ, तेरी तलब है
तू ही तो सब थी, हाँ, तू ही तो सब है
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
ओ, मेरी लैला, लैला, ख़्वाब तू है पहला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
ओ, मेरी लैला, लैला, ख़्वाब तू है पहला
कब से मैं तेरा हूँ, कब से तू मेरी, लैला
माँगी थीं दुआएँ जो
उनका ही असर है, हम साथ हैं
ना यहाँ दिखावा है
ना यहाँ दुनियावी जज़्बात हैं
यहाँ पे भी तू हूरों से ज़्यादा हसीं
यानी, दोनों जहानों में तुम सा नहीं
जीत ली हैं आख़िर में हम दोनों ने ये बाज़ियाँ
Комментарии (0)
Минимальная длина комментария — 50 символов.